पुराण के अनुसार शनि साढ़े साती के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करे: पूर्ण विधि विधान





पुराण के अनुसार शनि साढ़े साती के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करे: पूर्ण विधि विधान

 प्रस्तावना
शनि साढ़े साती एक ऐसा समय होता है जब व्यक्ति को शनि ग्रह के प्रभाव का सामना करना पड़ता है। इस समय को अधिकतर लोग कठिन और चुनौतीपूर्ण मानते हैं। पुराणों में शनि साढ़े साती के दौरान रुद्राक्ष धारण करने की बात कही गई है, जो व्यक्ति को शनि के प्रभाव से राहत दिलाने में सहायक होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि शनि साढ़े साती के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसकी पूर्ण विधि विधान क्या है।

शनि साढ़े साती और रुद्राक्ष का महत्व
शनि साढ़े साती के दौरान व्यक्ति के जीवन में आर्थिक, शारीरिक और मानसिक समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे में रुद्राक्ष धारण करना शनि के अशुभ प्रभाव को कम कर सकता है। पुराणों के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक होता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और शारीरिक ऊर्जा मिलती है।

 कौन सा रुद्राक्ष धारण करें?
शनि साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। सात मुखी रुद्राक्ष को महालक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। यह रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, धन और सुख-शांति लाता है।

 रुद्राक्ष धारण करने की विधि
रुद्राक्ष धारण करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण विधि विधान का पालन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं इसकी पूर्ण प्रक्रिया:

1. रुद्राक्ष की शुद्धि
   - सबसे पहले रुद्राक्ष को गाय के दूध में डालकर स्नान कराएं।
   - इसके बाद इसे गंगा जल में धोएं।

2. पूजा सामग्री
   - एक साफ कपड़ा, चंदन, धूप, दीपक, और फूल की माला तैयार करें।

3. पूजा विधि
   - सबसे पहले भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
   - रुद्राक्ष को साफ कपड़े पर रखें और उसके ऊपर चंदन का तिलक लगाएं।
   - रुद्राक्ष के सामने धूप और दीपक जलाएं।
   - रुद्राक्ष को भगवान शिव के चरणों में अर्पित करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
   - इसके बाद 'ॐ ह्रीं ह्रीं सः शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।

4. रुद्राक्ष धारण करना
   - पूजा संपन्न होने के बाद रुद्राक्ष को दाहिने हाथ में लेकर भगवान शिव का ध्यान करें।
   - इसे अपने गले में धारण करें या दाहिने हाथ में काले धागे में बांध लें।

 निष्कर्ष
शनि साढ़े साती के दौरान सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को शनि के अशुभ प्रभाव से राहत मिलती है। इसे धारण करने की विधि विधान का पालन करने से इसके लाभ और भी अधिक होते हैं। पुराणों में वर्णित इन विधियों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि ला सकता है।
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