शिव पुराण के अनुसार एक मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष का पूर्ण विवरण

 


शिव पुराण के अनुसार एक मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष का पूर्ण विवरण, मंत्र और धारण विधि


रुद्राक्ष धारण करने की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। शिव पुराण में रुद्राक्ष की महिमा और उनके विभिन्न मुखियों के महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया है। प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष की अपनी विशेषता होती है और इसे धारण करने का एक निश्चित मंत्र और विधि होती है। यहां हम 1 मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष का विवरण, उनके मंत्र और धारण विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।


1 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

1 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रत्यक्ष स्वरूप माना जाता है। यह आत्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत शक्तिशाली होता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं नमः"


धारण विधि:

1 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन स्नान कर, भगवान शिव की पूजा कर, शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करके धारण करें। इसे गले में या अंगूठी में धारण करना श्रेष्ठ माना गया है।


2 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

2 मुखी रुद्राक्ष शिव और शक्ति का प्रतीक है। यह संबंधों में सामंजस्य और प्रेम बढ़ाने में सहायक होता है।


मंत्र:

"ॐ नमः"


धारण विधि:

सोमवार या सोमवार की पूर्णिमा के दिन इसे शिवलिंग पर दूध और गंगाजल चढ़ाकर धारण करें। इसे गले में धारण करने से लाभ होता है।


3 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

3 मुखी रुद्राक्ष अग्नि तत्व से जुड़ा है। यह पापों का नाश करता है और व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास जगाता है।


मंत्र:

"ॐ क्लीं नमः"


धारण विधि:

मंगलवार के दिन स्नान कर, भगवान शिव और अग्नि देव की पूजा करें। इसे रुद्राक्ष माला में गले या दाहिने हाथ में धारण करें।


4 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

4 मुखी रुद्राक्ष चार वेदों का प्रतीक है। यह विद्या, बुद्धि और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं नमः"


धारण विधि:

बुधवार के दिन स्नान कर, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा की पूजा करके इसे धारण करें। इसे गले या दाहिने हाथ की अंगुली में पहनना शुभ होता है।


5 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

5 मुखी रुद्राक्ष पंचमुखी शिव का प्रतीक है। यह व्यक्ति को मानसिक शांति और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।


मंत्र:

"ॐ हौं नमः"


धारण विधि:

शुक्रवार के दिन स्नान कर, भगवान शिव की पूजा करें। इसे शिवलिंग पर चढ़ाकर गले में धारण करें। यह सामान्यतः गले में धारण किया जाता है।


6 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

6 मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का प्रतीक है। यह बुद्धि, तार्किक शक्ति और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं हौं नमः"


धारण विधि:

मंगलवार के दिन स्नान कर, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करके इसे धारण करें। इसे गले में धारण करना उत्तम माना गया है।


7 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

7 मुखी रुद्राक्ष मां लक्ष्मी का प्रतीक है। यह धन, समृद्धि और सफलता को आकर्षित करता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं ह्रीं नमः"


धारण विधि:

शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और रुद्राक्ष को लक्ष्मी मंत्र के साथ अभिमंत्रित करें। इसे गले में धारण करें।


8 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

8 मुखी रुद्राक्ष भगवान गणेश का प्रतीक है। यह सभी बाधाओं को दूर करता है और जीवन में सफलता दिलाता है।


मंत्र:

"ॐ हं नमः"


धारण विधि:

गणेश चतुर्थी या बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा कर, रुद्राक्ष को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर धारण करें। इसे गले या बाजू में पहनें।


9 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

9 मुखी रुद्राक्ष मां दुर्गा का प्रतीक है। यह साहस, शक्ति और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं हूं नमः"


धारण विधि:

नवरात्रि या किसी शुभ दिन मां दुर्गा की पूजा करें और रुद्राक्ष को धारण करें। इसे गले में धारण करने से लाभ होता है।


10 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

10 मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु का प्रतीक है। यह व्यक्ति को सभी प्रकार की नकारात्मकता और शत्रुओं से बचाता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं श्रीं नमः"


धारण विधि:

रविवार या गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करके इसे धारण करें। इसे गले में धारण करना शुभ माना जाता है।


11 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

11 मुखी रुद्राक्ष भगवान हनुमान का प्रतीक है। यह साहस, बल और शक्ति को बढ़ाता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं ह्रीं हौं नमः"


धारण विधि:

मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा कर, इसे अभिमंत्रित करें और धारण करें। इसे गले या बाजू में धारण करें।


12 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

12 मुखी रुद्राक्ष भगवान सूर्य का प्रतीक है। यह नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति को बढ़ाता है।


मंत्र:

"ॐ क्रौं सः सूर्याय नमः"


धारण विधि:

रविवार के दिन सूर्य मंत्र का जाप कर, रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करें और धारण करें। इसे गले या दाहिनी कलाई में पहनें।


13 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

13 मुखी रुद्राक्ष भगवान कामदेव और इंद्र का प्रतीक है। यह आकर्षण शक्ति, प्रेम और रचनात्मकता को बढ़ाता है।


मंत्र:

"ॐ ह्रीं क्लीं नमः"


धारण विधि:

शुक्रवार के दिन रुद्राक्ष को देवी लक्ष्मी और कामदेव के मंत्र से अभिमंत्रित कर धारण करें। इसे गले में पहनना लाभकारी होता है।


14 मुखी रुद्राक्ष

विवरण:

14 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप है और इसे देवताओं का रुद्राक्ष कहा जाता है। यह व्यक्ति की आंतरिक दृष्टि और शक्ति को जागृत करता है।


मंत्र:

"ॐ नमः शिवाय"


धारण विधि:

महाशिवरात्रि या किसी भी सोमवार के दिन रुद्राक्ष को भगवान शिव के चरणों में चढ़ाकर अभिमंत्रित करें और धारण करें। इसे गले या बाजू में धारण करें।


निष्कर्ष:

शिव पुराण के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष की अपनी ऊर्जा होती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाती है। रुद्राक्ष को विधिपूर्वक और शुद्ध मन से धारण करना अत्यंत आवश्यक है। रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना और धार्मिक विधियों का पालन करना चाहिए।

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